मनुष्यों की क्षमता capacity of humans
pawan surpal
May 26, 2020
मनुष्यों की क्षमता:- सभी जीवो में मानव जीवन को सबसे बहुमूल्य एवं दुर्लभ जीवन माना गया है यह वही जीवन है जिसे पाने हेतु कभी भगवन विष्णु इस धरती पर राम , कृष्ण जैसे अवतार लेते है , एवं इस मानव जीवन एवं इसके सुखो का आनंद लेते है , यह वह जीवन है जिसका लाभ देवता, असुर , दानव को भी प्राप्त नहीं होता है , क्युकी इस मानव जीवन द्वारा ही मनुष्य जीवन मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष अर्थात परमात्मा में विलीन हो सकते है इससे मनुस्य ही ऐसे जीव मात्रा है जिसे वाणी अवं दिमाग से ही ज्ञान को बढ़ाने की शक्ति प्रदान की है , वह अपने मस्तिष्क शक्ति का ४% भी खर्च नहीं करता यदि कुल पूर्ण भाग का विकास होतो वह क्या नहीं कर सकता , कलयुग में मनुष्य के केवल दो ही प्रकार है एक देव स्वरुप , और दूसरा दानव अर्थात , इन दोनों में जो अपने भीतर जिसको जयदा बढ़ाता है वह बढ़ता है,
जो क्रोध , शत्रुता ,लाभ ,निंदा , हानि अहंकार , अवसाद , हट , दुःख से बना या निर्मित है वह राक्षश है
वह मनुष्य जो अपने भीतर स्थित , मित्रता , प्रेम , शांति , दया , आशा , सुख , मानवता , समानता से बना है वह देव पुरुष है ! इस प्रकार देव पुरुष मनुष्य जो अपने स्वभाव एवं गुणों के कारण सुख , की प्राप्ति करते है ,
राक्षस स्वरुप मनुष्य दुःख एवं अपने पतन की और अग्रसर रहते है ,
सम्पूर्ण संसार में यह राक्षस मानव जो मांसाहार का सेवन ही मनुष्य को हिंसात्मक बनाता है
और जो मानव शाकाहारी होता है उनके मन में शांति और समानता का भाव होता है
इस प्रकार दो प्रकार की
क्षमता के लोग ही संसार में है जो एक दूसरे के ठीक विपरीत होते है दोनों ही अपना स्वामित्व स्थापित करना चाहते है दोनों अपनी अलग अलग राह पे चलते है
मनुष्यों की क्षमता capacity of humans
Reviewed by pawan surpal
on
May 26, 2020
Rating:
